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लेखनी कहानी -01-Jun-2023 कातिल कौन

भाग 34 
अब तक की बहस से यह तो सिद्ध हो गया था कि पेन्टिंग्स का एल्बम अक्षत ने नहीं क्षितिज ने बनाया था जिसे विकास सिंह ने चुरा लिया था और जिसे उसका दोस्त समीर देखने के लिए ले गया था । लेकिन अभी तक यह सिद्ध नहीं हुआ था कि उस एल्बम को अक्षत के कमरे में किसने रखा था ? क्या समीर ने रखा था वह एल्बम ? एक मिनट को यह मान भी लें कि वह एल्बम समीर ने ही अक्षत के कमरे में रखा था , पर इससे समीर को क्या फायदा होने वाला था ? बिना फायदा के कोई व्यक्ति कोई काम करता नहीं है । समीर का क्या फायदा था उस एल्बम को अक्षत के कमरे में रखने से ? बहुत विचार करने पर भी हीरेन को समीर का फायदा नजर नहीं आया था । 

यदि यह मान भी लिया जाए कि उसे समीर ने ही वहां रखा था पर अनुपमा के घर में जिसकी लाश मिली थी वह तो राहुल था । तो क्या उस रात समीर और राहुल दोनों आये थे उस मकान में ? हो सकता है कि उन दोनों में किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई हो और समीर ने राहुल को मार दिया हो ? यह संभव तो हो सकता है क्योंकि समीर लगभग तभी से गायब है । समीर का गायब होना संदेह तो प्रकट करता है । वैसे भी वह सुपारी किलर है इसलिए उसका चरित्र तो संदेहजनक है ही । तो क्या सारा षड्यंत्र समीर ने रचाया है ? पर यह बात हजम नहीं होती है कि एक अनजान व्यक्ति जिसे न सक्षम जानता है और न अनुपमा जानती है , वह इतना बड़ा षड्यंत्र क्यों रचेगा ? जरूर उसके पीछे कोई और है जिस पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है । वह जो भी कोई है उसने समीर को महज एक मोहरा बनाया है । अब ये पता लगाना है कि वह आदमी कौन हो सकता है ? रह रह कर यह प्रश्न कौंध रहा था हीरेन के दिमाग में । 

हीरेन को याद आया कि समीर विकास का दोस्त है तो उसने विकास से उसका मोबाइल नंबर और उसके घर का पता पूछा जो उसने बता दिया । हीरेन ने अपने असिस्टेंट को उस पते पर भेज दिया । तब तक उसने अंधेरे में तीर चलाते हुए जज साहब से कहा 
"योर ऑनर ! सरकारी वकील साहब ने अपनी बहस में कहा था कि सक्षम ने राहुल को अक्षत और अनुपमा की हत्या करने के लिए भेजा था । पर मामला उल्टा पड़ गया । जो हत्या करने के लिए आया था उसी का कत्ल हो गया । यानि शिकारी खुद शिकार हो गया । जिस तरह लाश का चेहरा विकृत किया गया है उससे एक बात तो स्पष्ट है कि राहुल का हत्यारा कोई साधारण व्यक्ति नहीं है बल्कि वह कोई पेशेवर अपराधी है और वह अपनी पहचान छुपाना चाहता है । लाश की पहचान होने से उसकी पहचान हो सकती थी इसलिए उसने लाश का चेहरा विकृत कर दिया ।  मुझे लगता है कि इसमें किसी ऐसे व्यक्ति का हाथ है जिसे सक्षम और अनुपमा पहचानते हैं और वह अपनी पहचान उजागर करना नहीं चाहता है । इस रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए मैं थानेदार मंगल सिंह के ऑफिस में तैनात अर्दली होशियार सिंह को विटनेस बॉक्स में बुलाना चाहता हूं" । 

हीरेन की इस बात का सरकारी वकील ने पुरजोर विरोध किया और कहा "ऑब्जेक्शन मी लॉर्ड ! पहले बचाव पक्ष के वकील को अदालत को यह बताना पड़ेगा कि उस अर्दली का इस केस से क्या संबंध है ? यदि उसका इस केस से संबंध निकलेगा तभी उसकी गवाही हो सकती है अन्यथा नहीं" । त्रिपाठी के मुंह से झाग गिरने लगे । 
"मंगल सिंह के अर्दली का इस केस से बहुत बड़ा संबंध है मी लॉर्ड । वह मंगल सिंह की सारी गतिविधियों की जानकारी रखता है और वह मंगल सिंह के छोटे मोटे काम भी करता है । दरअसल इस केस में मुझे थानेदार मंगल सिंह की भूमिका संदिग्ध नजर आती है योर ऑनर । इसके लिए मंगल सिंह और उससे जुड़े तमाम व्यक्तियों से पूछताछ करनी पड़ सकती है योर ऑनर। इसलिए सबसे पहले मंगल सिंह के अर्दली के बयान कराना चाहूंगा फिर मंगल सिंह के बयान होंगे । इसलिए इन दोनों की गवाही की अनुमति दीजिए हुजूर" । 

"ऑब्जेक्शन ओवररूल्ड" 
 जज साहब ने मंगल सिंह के अर्दली की गवाही को मंजूरी दे दी । उसे विटनेस बॉक्स में बुलाया गया और हीरेन "हैदराबादी पान" की गिलौरी अपने मुंह में रखते हुए उससे पूछताछ करने लगा 
"आपका नाम" ? 
"होशियार सिंह" 
"नाम तो होशियार सिंह है ही और शक्ल से भी होशियार ही लग रहे हो" हीरेन मुस्कुरा कर बोला ।
अपनी प्रशंसा सुनकर कौन फूला नहीं समाता है ? हीरेन की बातों से होशियार सिंह प्रफुल्लित हो गया । 
"क्या काम करते हो" ? 
"थानेदार साहब की ड्यूटी बजाता हूं साहब जी । साहब जो आदेश दें, वही काम करता हूं । वैसे सामान्यतः उनके ऑफिस में गेट पर तैनात रहता हूं" । 
"एक बात बताइए होशियार जी , वो जो महिला खड़ी हैं ना वह कभी आपके साहब से मिलने आई थी क्या" ? हीरेन ने अनुपमा की ओर इशारा करते हुए कहा 
"आई थी साहब । लगभग एक डेढ़ महीने पहले आई थी" 
"क्यों आई थी" ?
"कोई चोरी की रिपोर्ट लिखवाने आई थी" 
"फिर तुमने क्या किया" ? 
"हमने इन्हें ड्युटी इंचार्ज के पास जाने को कह दिया । क्योंकि रिपोर्ट वही दर्ज करते हैं" 
"फिर ये महिला ड्यूटी इंचार्ज के पास चली गई होगी" ? 
"नहीं साहब । मैं इनको वहां भेजता इतने में साहब ने घंटी बजा दी । मुझे साहब के पास अंदर जाना पड़ा " ।
"साहब ने क्यों बुलाया था तुम्हें" ? 
"साहब ने कहा था कि बाहर जो महिला चोरी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए आई हैं , उन्हें अंदर आने दें" 
"चोरी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए जो लोग थानेदार साहब के पास आते हैं क्या थानेदार साहब उन सबको अंदर बुलाते हैं" ? 
"नहीं साहब , साहब किसी को अंदर नहीं बुलाते बल्कि यदि कोई जबरदस्ती अंदर चला भी जाये तो मुझे अंदर बुलाकर डांटते हैं कि यह आदमी अंदर कैसे आया ? इसके बाद वे उसे बाहर निकलवा देते हैं । 

"पॉइन्ट टू बी नोटेड मी लॉर्ड ! थानेदार मंगल सिंह रिपोर्ट लिखवाने आये लोगों से नहीं मिलता है मगर उसने अनुपमा में खास दिलचस्पी दिखाई थी और उन्हें अर्दली से कहकर  अंदर बुलवा लिया । इसका मतलब है कि जैसे ही थानेदार मंगल सिंह ने एक खूबसूरत लडकी को देखा , वैसे ही वे उस पर फिदा हो गए और उससे बात करने के लिए लालायित हो गये । यहीं से मंगल सिंह का दिमाग घूमने लग गया था" । हीरेन ने जज साहब से कहा । इसके बाद हीरेन होशियार सिंह से पूछने लगा । 
"एक बात बताओ होशियार सिंह जी , चोरी की जितनी रिपोर्ट लिखी जाती हैं तो क्या सबकी जांच थानेदार जी ही करते हैं" ? 
"नहीं साहब । थानेदार जी तो चोरी जैसे छोटे मोटे केसों की जांच ही नहीं करते हैं । वे तो मर्डर और दुष्कर्म जैसे बड़े बड़े केसों की ही जांच करते हैं" । 
"तुम्हें कैसे पता" ? 
"सब पता रखते हैं हम लोग । आप रजिस्टर देख सकते हैं" 
"बिल्कुल ठीक कहा आपने । मैंने वह रजिस्टर देखा है मी लॉर्ड और यह उसकी प्रमाणित प्रति है । इस प्रति में बताया गया है कि थानेदार जी के छ महीने के कार्यकाल में 22 रिपोर्ट चोरी की हुई जिसमें से 21 रिपोर्टों में जांच दूसरे अधिकारियों या कांस्टेबल को दी गई और एक प्रकरण में जांच खुद थानेदार जी ने की थी । और जानते हैं मी लॉर्ड कि वह केस कौन सा था ? वह केस था अनुपमा का जिसमें उसने अपने पर्स के चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाई थी । यह इस बात को रेखांकित करता है कि मंगल सिंह ने जब से अनुपमा को देखा है तब से वे उसके सौन्दर्य पर मुग्ध हो गये थे । वे उन्हें देखने, उनसे बात करने और उनके नजदीक आने का भरसक प्रयत्न करने लगे । उनके नजदीक जाने के लालच में एक पर्स जैसी मामूली चोरी की जांच भी वो खुद ही करने लग गए । 

जांच के बहाने से थानेदार मंगल सिंह ने अनुपमा का घर देख लिया । घर में कौन कौन सदस्य हैं, इसकी जानकारी भी ले ली । घर के पीछे वाली खिड़की में ग्रिल लगी हुई नहीं थी इसलिए उसमें से मंगल सिंह ने चोर के अंदर आने की संभावना व्यक्त की थी और इन्हीं महाशय ने उस खिड़की की ग्रिल तुरंत लगवाने को कहा था । योर ऑनर, अब सारा केस शीशे की तरह साफ हो गया है । अब तो एक एक कड़ी जोड़कर पूरा खेल उजागर करना शेष रह गया है । अब पता चल गया है कि इस केस के मुख्य साजिश कर्ता कोई और नहीं थानेदार मंगल सिंह ही हैं । मैं इसे अभी सिद्ध कर देता हूं मी लॉर्ड" । इतना कहकर हीरेन जोश में आ गया । उसे क्लु मिल गया था । वह होशियार सिंह से आगे पूछताछ करने लगा 

"अच्छा एक बात बताओ कि तुम साहब का क्या क्या काम करते हो" ? 
"सारा काम करता हूं साहब का" 
"थोड़ा खुलकर बताओ कि सारे काम में क्या क्या काम आते हैं" ? 
"साहब के लिए चाय लाने का" 
"कहां से लाते हो चाय" ? 
"दीनू पंडित की थड़ी से" 
"और क्या लाते हो" ? 
"कभी कभी पान भी लाता हूं" 
"वह कहां से लाते हो" ? 
"छज्जू पनवाड़ी से । साहब को और किसी का पान पसंद ही नहीं आता है । कभी कभी तो साहब खुद ही पान खाने छज्जू पनवाड़ी की दुकान पर पहुंच जाते हैं" । 
"अच्छा एक बात बताओ होशियार सिंह जी , क्या साहब ने तुमसे किसी ताले की चाबियां बनवाने को कहा था" ? 

इस प्रश्न पर होशियार सिंह थोड़ी देर सोचता रहा , फिर बोला "हां, कहा था साहब ने । करीब एक डेढ महीने पहले कहा था" 
"क्या कहा था" ? 
"यही कि इन जैसी दो चाबियां बनवा लाओ" 
"किन जैसी ? मतलब कि साहब ने तुम्हें दो चाबियां दी थी जिनकी डुप्लीकेट चाबियां बनवाने थी तुम्हें" ? 
"नहीं साहब, चाबियां नहीं दी थी साहब ने बल्कि एक साबुन दिया था जिस पर दोनों ओर एक एक चाबी की छाप थी" । 
"कौन सा साबुन था वो" ? 
"पीयर्स साबुन था" 

"पॉइन्ट टु बी नोटेड मी लॉर्ड ! होशियार सिंह का कहना है कि मंगल सिंह ने उसे एक साबुन में छपी नाप की चाबियां बनवाने को कहा था । मंगल सिंह अनुपमा के मकान की और अक्षत के कमरे की डुप्लीकेट चाबियां बनवाना चाहता था जिससे वह बेरोकटोक उस घर में आ जा सके । इससे मंगल सिंह के इरादे स्पष्ट प्रकट हो रहे हैं मी लॉर्ड" । उसने पुन: होशियार सिंह से पूछा "चाबियां कहां से बनवाई थीं तुमने" ? 
"रत्तीराम से बनवाई थी वे चाबियां" । 

"योर ऑनर, धीरे धीरे संदेह के बादल छंट रहे हैं और आसमान साफ साफ दिखने लगा है । रत्तीराम को बुलवाना पड़ेगा गवाही के लिए । तब तक मुझे अनुपमा से कुछ पूछताछ करनी है । आपकी अनुमति हो तो पूछताछ कर लूं" ? हीरेन ने विनम्रतापूर्वक कहा । जज ने अनुमति दे दी । 
हीरेन अनुपमा से पूछताछ करने लगा 
"आप जब पहली बार रिपोर्ट लिखवाने गई थीं तब आप क्या मंगल सिंह जी से भी मिली थीं" ? 
"यस योर ऑनर" । 
"मंगल सिंह का व्यवहार कैसा रहा था तब" ? 
"ऐसा लगा कि मैं किसी थानेदार से नहीं बल्कि किसी सड़क छाप मजनूं से मिल रही हूं" 
"ऐसा क्यों लगा आपको" ? 
"थानेदार साहब बात ही ऐसी कर रहे थे जैसे कोई टपोरी बात करता है । कहने लगे "आप बहुत खूबसूरत हैं । आप जैसी सुंदर स्त्री कोई नहीं है दुनिया में अनुपमा जी" ! अब आप ही बताइए कि एक थानेदार को ऐसा कहना चाहिए क्या" ? 
"बिल्कुल सही कह रही हैं आप । पद की मर्यादा का सबको ध्यान रखना चाहिए । अच्छा एक बात और बताइये कि मंगल सिंह जब आपके घर जांच करने आये थे तब आप क्या कर रही थीं" ? 
"मैं बाथरूम में नहा रही थी योर ऑनर" । 
"नहाने के लिए कौन सा साबुन काम में लेती हैं आप" 
"पीयर्स" 
"फिर दरवाजा किसने खोला" ? 
"मंगल सिंह जी लगातार घंटी बजाए जा रहे थे तो मैं जल्दी से बाथरूम से टॉवल लपेटकर बाहर आई और अपना सिर दरवाजे से बाहर निकल कर देखा तो पाया कि मंगल सिंह जी खड़े हैं" 
"तब आपने दरवाजा खोल दिया" ? 
"नो सर , उस समय मैं केवल एक टॉवल में थी इसलिए पहले कपड़े पहने फिर दरवाजा खोला" 
"मंगल सिंह क्यों आये थे वहां" ? 
"कह रहे थे 'पर्स की चोरी की जांच करने आया हूं । उन्होंने पूरा घर गौर से देखा था" 
"क्या अक्षत का कमरा भी देखा था" ? 
"हां , देखा था" 
"मंगल सिंह के जाने के बाद आपने अपने बाथरूम को दुबारा चैक किया था क्या 
"जी सर, वहां से नहाने का एक साबुन गायब था" 

बात का रुख मोड़ते हुए हीरेन ने आगे पूछा "आप अपने घर की चाबी कहां रखती हैं" ? 
"लिविंग रूम में हमने चाबी टांगने का एक बॉक्स बना रखा है , उसमें रखती हूं" 
"खिड़की के बारे में मंगल सिंह ने क्या कहा था" ? 
"उसमें लोहे की ग्रिल जरूर लगवा लेना" 
"तो लगवा ली ग्रिल" ? 
"सक्षम ने एक आदमी से बात तो की थी और उसने बनाने के लिए कह दिया था कि यह कांड हो गया" 
"इसका मतलब है कि तुम्हें नहीं पता कि ग्रिल लगी या नहीं" ? 
"जी, मुझे नहीं पता । सक्षम को पता होगा " । 
"अच्छा एक बात और । थोड़ा पर्सनल है पर जरूरी है ।  आप अपने इनर वियर कहां रखती हैं" ? 

इस पर अनुपमा खामोश हो गई तो हीरेन ने कहा "ये प्रश्न बड़ा महत्वपूर्ण है मैडम , बताइये कि आप अपने इनर वियर कहां रखती हैं" ? 
"वार्डरोब के एक सेक्शन में" 
"क्या वार्डरोब का ताला लगाकर रखती हैं" ? 
"नहीं । वैसे ही बंद कर देती हूं , ताला नहीं लगाती हूं" ।
"एक और प्रश्न है जो थोड़ा और पर्सनल है पर इस केस के लिए बहुत जरूरी है । आप वार्डरोब में अपनी ब्रा और पैंटी दोनों अलग अलग रखती हैं या एक साथ रखती हैं" ? 
"ब्रा और पैंटी अलग अलग रखती हूं" 
"बस, आखरी प्रश्न । अक्षत के कमरे से पिंक कलर की ब्रा और ब्लैक कलर की पैंटी निकली थी । क्या आप इसी तरह कॉन्ट्रास्ट कलर के इनर वियर पहनती हैं" ? 
"नहीं , योर ऑनर । मैं हमेशा मैचिंग के ही इनर वियर पहनती हूं । मतलब एक ही कलर के दोनों" । 
"थैंक्स मैडम" 

अदालत का समय समाप्त हो रहा था । अनुपमा के घर का मौका देखना अभी बाकी था इसलिए हीरेन ने तीन वरिष्ठ वकीलों की टीम से उस मकान का निरीक्षण करवाने का आग्रह किया जिसे अदालत ने मान लिया । बाकी की कार्यवाही अगले दिन करने का कहकर बहस अधूरी ही रोक दी गई थी । 

श्री हरि 
23.6.23 


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3 Comments

Gunjan Kamal

03-Jul-2023 09:26 AM

बेहतरीन भाग

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Punam verma

24-Jun-2023 08:18 AM

Very very impressive

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Hari Shanker Goyal "Hari"

24-Jun-2023 10:00 AM

🙏🙏🙏

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